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Tuesday, 19 June 2018

Indian news

<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्लीः</strong> जम्मू-कश्मीर की राजनीति में अचानक चक्रवात आ गया है. दिल्ली में बीजेपी के जम्मू-कश्मीर प्रभारी राम माधव ने सरकार से बीजेपी का समर्थन वापस लिया और इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती सरकार अल्पमत में आ गई है. इस बीच मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एनएन वोहरा को अपना इस्तीफा भी सौंप चुकी हैं. इस पूरे नाटकीय तरीके से गठबंधन टूटने के पीछे आखिर वजह क्या है. ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी ने दिल्ली में बैठकर श्रीनगर की सरकार गिरा दी. सरकार बनने के तीन साल बाद आखिर राज्य की सरकार क्यों गिरी और इसके पीछे बीजेपी क्या वजह गिना रही है यहां जानिए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>1. जम्मू-कश्मीर में बढ़ता आतंकवादः</strong> साल 2016 में चरमपंथी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद घाटी के हालात लागातार बिगड़ते ही गए. दो साल से पत्थरबाजी राज्य में रुकी ही नहीं. आए दिन आतंकी घटनाओं जिन्हें राज्य की पीडीपी-बीजेपी सरकार संभालने में नाकाम रही. इस सरकार के दौरान ऐसा पहली बार हुआ जब पत्थरबाजों ने सैलानियों पर हमले किए और इस दौरान कुछ सैलानियों की बीते महीने मौत हो गई. दो साल से घाटी के हालात लागातार बिगड़ते जा रहे हैं जिन्हें संभाला नहीं जा सका.</p> <p style="text-align: justify;"> <strong>2.हालात संभालने में नाकाम महबूबाः</strong> मुख्यमंत्री के तौर पर महबूबा मुफ्ती राज्य में इस आतंक के माहौल को संभालने में नाकाम रहीं. अपने तीन साल के अब तक के वक्त में महबूबा मुफ्ती सीमापार से वाले आंतंकवाद पर नकेल नहीं कस सकीं. कश्मीर के हालात पर सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए. नतीजा ये हुआ कि राज्य के हालात बिगड़ते चले गए और सरकार इसे कंट्रोल नहीं कर सकी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>3. कश्मीर के हालात पर नियंत्रण में फेल सीएमः</strong> कश्मीर में आतंक बढ़ता जा रहा है. बुहरान वानी के एनकाउंटर से अबतक राज्य में लागातर आतंकी घटनाएं, पत्थरबाजी जारी है. इस दो सालों में राज्य के हालात पूरे देश की चिंता का कारण रहे लेकिन इन सबके बावजूद सीएम महबूबा मुफ्ती स्थिति को स्थिर नहीं कर सकीं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>4. मीडिया पर हमलाः</strong> पिछले हफ्ते ही राज्य के बड़े पत्रकार और राइजिंग कश्मीर के एडिटर शुजात बुखारी को गोली मार दी गई. इस घटना ने पूरे कश्मीर सहित देश को हिला कर रख दिया. उन्हें गोली तब मारी गई जब के रमजान के महीने के दौरान इफ्तार के लिए निकल रहे थे. रामजान के दौरान केंद्र सरकार ने एकतरफा संघर्षविराम का ऐलान क्या था लेकिन इस दौरान भी घाटी में आतंकी गतिविधियां होती रहीं.</p>

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